भोपाल। अभी हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कोचिंग संस्थानों पर अंकुश लगाने हेतु कुछ गाइडलाइंस जारी करके नए नियम बनाए गए जिससे जहां एक ओर कोचिंग संस्थानों के मालिकों को पसीना आ रहा है वही अभिभावकों एवं बच्चों के माथे पर चिंता की लखीरे दिखाई देने लगी हैं। खासकर उस नियम को लेकर ज्यादा परेशानी हो रही है जिसमें कहा गया है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चे कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई नहीं कर सकते हैं।
अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों में जो पढ़ाई होती है वह पर्याप्त नहीं है इसीलिए कोचिंग संस्थानों में बच्चों को भेजकर अतिरिक्त ज्ञान अर्जन कराया जाता है। उनका कहना है कि वर्तमान दौर में इतनी ज्यादा प्रतिस्पर्धा अधिक से अधिक अंक लाने के लिए हो गई है कि हमें अपने बच्चों को स्कूल के अलावा अलग से अध्यापन का कार्य कराना पड़ता है। माता-पिता यदि दोनों नौकरी करते हैं तो बच्चों को घर में पढ़ाई के लिए समय नहीं दे पाते । ऐसी स्थिति में उन्हें कोचिंग संस्थानों का ही सहारा लेना पड़ता है। यदि सरकार 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करने से रोकेगी तो दशमी एवं बच्चे काफी पीछे रह जाएंगे। इसलिए सरकार को इस संबंध में पुनर्विचार करना चाहिए और नए नियम बनाने से पहले अभिभावकों एवं कोचिंग संस्थानों के साथ मीटिंग करके किसी निर्णय पर पहुंचना चाहिए।
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