महर्षि नारद का जन्म दिन अपनी सभ्यता को स्मरण करने का दिन है - कमिष्नर
महर्षि नारद की जयंती पर कोतमा में आयोजित हुआ पत्रकार सम्मान समारोह
अनूपपुर 07 मई । कमिष्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने कहा है कि महर्षि नारद का जन्म दिन अपनी सभ्यता और संस्कृति को स्मरण करने का दिन है। उन्होंने कहा है कि महर्षि नारद का जन्म दिन पत्रकारों ही नही पूरे समाज के लिए चिन्तन करने का भी दिन है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्पन्न हुई कठिनाईयों के चिन्तन करने का भी दिन है। कमिष्नर ने कहा है कि मैं और आप एक लुटी हुई सभ्यता के अवषेष हैं। हमारी सभ्यता और संस्कृति को इतना लूटा गया है कि हम और आप सिर्फ बायोलॉजिकल भारतीय रह गए हैं। हम भूल गए हैं कि हमारा भोजन, हमारी वेषभूषा क्या थी, हमारी भेषज क्या था। महर्षि नारद का जन्म दिन अपनी सभ्यता को समझने का दिन है। जिस सभ्यता में महर्षि नारद विष्व के पहले लोक संचार पुरुष थे। उस सभ्यता ने न केवल अध्यात्म बल्कि नैतिकता और भौतिकता के चरम षिखरों को स्पर्ष किया था। हमारी सभ्यता अगर संसार के चरम षिखर पर थी तो वह सिर्फ अध्यात्म के कारण नही थी, बल्कि भौतिकता के कारण थी। हमारे महर्षि कणाध ने लाखों साल पहले भौतिक शास्त्र के एक-एक पहलू में अणुओं ही नही परमाणुओं को भी जाना था। दुनिया के पहले रासायन वैज्ञानिक भारत में पैदा हुए थे। कमिष्नर ने कहा है कि हमारी सोच में षणयंत्रपूर्वक यह उतार दिया गया है कि जो भी सर्वश्रेष्ठ है वह पष्चिम में है। उन्होने कहा कि गुलामी के मोर्चे अभी बाकी है। जिनके विरूद्ध लड़ना होगा।
कमिष्नर ने कहा कि हम सभ्यता के वंषज है जो सर्वश्रेष्ठ थी न केवल अध्यात्म में न केवल भौतिकता में, हम अध्यात्म, भौतिकता एवं नैतिकता में सर्वश्रेष्ठ थे। कमिष्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा आज जमुना कोतमा क्षेत्रीय पत्रकार संघ द्वारा देवर्षि नारद जी की जयंती के अवसर पर आयोजित पत्रकारों एवं साहित्यकारों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। सम्मान समारोह का शुभारंभ कमिष्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा एवं साहित्यकारों द्वारा महर्षि नारद का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए एडीजी डी.सी. सागर ने कहा कि आज सोषल मीडिया के युग में पत्रकार तेजी से समाचार पहुंचाने में कामयाब रहे हैं, जिसके परिणाम सुखद भी और दुखद भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग सूचना क्रांति को सकारात्मक रूप से लेते हैं वह सकारात्मक ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता निःस्वार्थ भाव से और सकारात्मक होना चाहिए। समारोह को संबोधित करते हुए प्राध्यापक पत्रकारिता जनजातीय विष्वविद्यालय अमरकंटक मनीषा शर्मा ने कहा कि महषि नारद मुनि पृथ्वी और देवलोक के बीच संवाद स्थापित करने का कार्य करते थे। उन्होंने कहा कि आसुरी शक्तियों के विध्वंष में महर्षि नारद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने संचार पुरुष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का पेषा पवित्र पेषा है। जिसमें सामाजिक सरोकार सर्वोपरि है। आज पत्रकारिता पेड न्यूज के कारण दूषित हो रही है।
समारोह को महाप्रबंधक जमुना कोतमा कालरी श्री हरिजीत सिंह मदान ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पत्रकारों और साहित्यकारों को शॉल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
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