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छत्तीसगढ़ के शिक्षक सरकार से नाराज

छत्तीसगढ़ में अब तक सिर्फ 0.54% कर्मचारियों ने एनपीएस चुना, 99.46% ने ओपीएस का विकल्प चुना

यह आंकड़ा केंद्र सरकार को परेशान करेगा, पूरे देश में ओपीएस की मांग तेज होगी 

पेण्ड्रा / छत्तीसगढ़ राज्य में कर्मचारियों से एनपीएस अथवा ओपीएस चुनने के विकल्प का जो शपथ पत्र लिया जा रहा है उसमें सिर्फ 0.54% ने एनपीएस का विकल्प चुना है और 99.46% कर्मचारियों ने ओपीएस का विकल्प चुना है। इसका मतलब साफ है कि कर्मचारियों अधिकारियों का शेयर बाजार आधारित एनपीएस से मोह भंग हो चुका है और वो पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को ही बुढ़ापे के विश्वस्त सहारे के रुप में देख रहे हैं। सर्वे की तरह सामने आया यह आंकड़ा केंद्र सरकार के लिए परेशानी का सबब बनेगा, क्योंकि इस आंकड़े के सामने आने के बाद जहां एक ओर केंद्रीय कर्मचारी ओपीएस की मांग को पूरे देश में तेज करेंगे वहीं अन्य राज्यों में भी ओपीएस लागू करने का दबाव कर्मचारी बनाएंगे। ओपीएस के इस विकल्प चयन को कांग्रेस पूरे देश में राजनीतिक रूप से चुनावी हथियार की तरह उपयोग कर सकती है। वहीं पूर्व सेवा गणना मोर्चा के हड़ताल के बाद शासन ने शपथ पत्र जमा करने की तारीख 24 फरवरी से बढ़ाकर 5 मार्च कर दिया है जिसे मोर्चा ने हड़ताल की सफलता बताया है जबकि पेंशन निर्धारण का वर्ष और तारीख अस्पष्ट होने से एलबी शिक्षक अब भी सरकार से नाराज हैं।

प्रदेश के 3 लाख 14 हजार 739 कर्मचारियों में से 1 लाख 38 हजार 926 कर्मचारियों ने शपथ पत्र जमा कर दिया है। इनमें से सिर्फ 0.54 प्रतिशत 762 कर्मचारियों ने एनपीएस का विकल्प चुना है जबकि 99.46 प्रतिशत 1 लाख 38 हजार 164 कर्मचारियों ने ओपीएस का विकल्प चुना है। नई पेंशन और पुरानी पेंशन योजना में से विकल्प चुनने के मामले में स्पष्ट हो गया है कि कर्मचारी अपने भविष्य को ओपीएस में ही सुरक्षित देख रहे हैं। कर्मचारी यह मान चुके हैं कि एनपीएस उनके भविष्य के सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है इसलिए सांसद विधायक भी ओपीएस का ही लाभ लेते हैं। इस विकल्प चयन में प्रदेश के डेढ़ लाख एलबी शिक्षकों की नाराजगी सरकार से अब भी बनी हुई है क्योंकि शासन स्पष्ट नहीं किया है कि वो एलबी संवर्ग शिक्षकों को कब से पेंशन का लाभ देगी। एलबी संवर्ग असमंजस में है कि उन्हें प्रथम नियुक्ति तिथि से पेंशन मिलेगा या 2012 के एनपीएस कटौती तिथि से या संविलियन तिथि से। इसलिए स्पष्ट आदेश नहीं होने के कारण एलबी संवर्ग शिक्षक मानसिक रूप से परेशान भी हैं। 

जीपीएम जिले में 0.13% ने एनपीएस और 99.87% ने ओपीएस चुना

जीपीएम जिले में कुल 3707 कर्मचारियों में से अब तक 1489 कर्मचारियों ने विकल्प भरा है जिसमें सिर्फ 0.13 प्रतिशत 2 कर्मचारियों ने एनपीएस का विकल्प भरा है जबकि 99.87 प्रतिशत 1487 कर्मचारियों ने ओपीएस को चुना है। इसका अर्थ है कि कर्मचारी ओपीएस को ही बुढ़ापे का सुरक्षित सहारा मान रहे हैं। वो शेयर बाजार आधारित एनपीएस में असुरक्षित भविष्य का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।

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