फुटबॉल क्रांति बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने का जरिया - कमिश्नर
भारत की सभी संताने एक समान- राजीव शर्मा
शहडोल 11 जनवरी ।- कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने कहा है कि फुटबॉल क्रांति शहडोल संभाग के बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने का जरिया है। फुटबॉल क्रांति इसलिए प्रारंभ की गई है कि गांव के हर एक बच्चे में आत्मविश्वास पैदा हो, गांव का हर बच्चा स्वस्थ हो तथा गांव के हर बच्चे में ताकत आए और हर बच्चे में यह सब खेल खेलने से आता है। किसी भी गांव, शहर, स्कूल एवं समाज का कोई भी बच्चा निष्क्रिय ना रहे, वह खेल के मैदान में उतरे और खेल खेलना सीखे तो ताकत एवं कौशल अर्जित करेगा। जिसके पास ताकत, कौशल, शिक्षा की सूझबूझ होती है। वह सेना, होमगार्ड और पुलिस में जा सकता है। इसलिए फुटबॉल क्रांति प्रारंभ किया गया है। कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा आज शहडोल जिले के ग्राम पंचायत पड़मनिया में फुटबॉल क्रांति के तहत आयोजित न्यू गोल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट में आम जनों को संबोधित कर रहे थे।
कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने कहा कि शहडोल संभाग कोई साधारण जगह नहीं है, बल्कि शहडोल संभाग पृथ्वी का प्राचीनतम भू-भाग है। नर्मदा और सोन नदी, हिमालय और गंगा से भी ज्यादा पुराने हैं। शहडोल संभाग पृथ्वी का प्राचीनतम भू भाग है, जहां हम रह रहे हैं। कमिश्नर ने कुछ पंक्तियों के माध्यम से लोगों से कहा कि "चंदन है इस देश की माटी, तपो भूमि हर ग्राम है, हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है"।
कमिश्नर ने कहा कि फुटबॉल क्रांति से बच्चे केवल जीतना ही नहीं सीखते बल्कि यह भी सीखते हैं कि कोई अकेले नहीं खेल सकता। हर एक का सहयोग का भाव सीखते हैं, खेल हार को बर्दाश्त करना भी सीखता हैं, खेल अच्छे से खेलते हैं तो हम जीतते हैं और यदि हमारी तुलना में कोई और खिलाड़ी खेल अच्छा खेलता है, तो जीतने का हक हमारे पास नहीं है, जीतने का हक उसके पास है, जो हमसे बेहतर खेला तो खेल हमें जीतना और हार को सहना भी सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि आज समाज में हर कोई सिर्फ जीतना चाहता है, चाहे योग्यता हो या नहीं हो। हम सबसे आगे रहना चाहता है, चाहे हमने परिश्रम किया हो चाहे नहीं किया हो पर फुटबॉल क्रांति परिश्रम करके जीतना सिखाता है।
कमिश्नर ने कहा कि फुटबॉल क्रांति के माध्यम से मैं आपसे यह कहना चाहता हूं भारत माता की सब संताने चाहे उसका धर्म, जाति, समाज, पूजा पद्धति कोई भी हो पर सब एक समान उपयोगी है। उन्होंने कहा कि भारत में हमें आजादी दिलाने में बहुत से क्रांतिकारियों का बलिदान है। दुनिया की सबसे भयानक सत्ता की मुट्ठी में हम कैद थे, हम अपना साहस खो चुके थे, अपनों को भूल गए थे, हमें तो इंसान भी नहीं माना जाता था। हमारे धर्म, संस्कृति, हमसे जुड़ी हर चीज को सत्ता की पूरी ताकत लगा कर यह साबित कर दिया गया था कि यह दुनिया के निष्कृष्ट लोग हैं, इनका धर्म, जाति, व्यवहार, निष्कृष्ट है, ऐसा दुष्प्रचार सत्ता की ताकत से साम, दाम, दंड, भेद से हमारे माथे पर एक विदेशी सत्ता ने क्रूरता से लिख दिया था। उन्होंने कहा कि आजादी के ऐसे दीवानों को नमन, जिन्होंने अपना सर्वस्व अर्पित करके हमें आजादी दिलाई।
खेल हमें जिंदगी जीना सिखाती है=एडीजी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन दिनेश चंद्र सागर ने कहा कि खेल सदा ही खेल भावना से खेलना चाहिए। खेल हमें जिंदगी जीना सिखाती है खेल हमें मेहनत करना सिखाती है तथा अपनी सफलता की ओर खींचती है। खेल खेलने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी टिप्स दिए। उन्होंने बच्चों को कहा कि जो टीम जीतती है वह तो बहुत खुशी-खुशी से अपने घर जाती है परंतु जो टीम हारती है वह टीम याद रखें कि असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो खेल में अगर कोई कमी रह जाती है उसे देखो और सुधार करो। बिना मेहनत किए जय-जयकार नहीं होती, पूरे मन से खेल खेलने की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
फुटबॉल क्रांति के तहत आयोजित न्यू गोल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट में शुभारंभ कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश चंद्र सागर ने स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र के समक्ष माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान कमिश्नर एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने फुटबॉल खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर परिचय प्राप्त किया तथा उन्हें खेल के लिए प्रेरित किया।
फुटबॉल प्रतियोगिता में संयुक्त आयुक्त मदन सिंह कनेश, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्रीमती प्रगति वर्मा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्रीमती ममता मिश्रा समाजसेवी मनोज गुप्ता सहित अन्य अधिकारी समाजसेवी जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में फुटबॉल प्रेमी उपस्थित थे।
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