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भू माफियाओं पर जिला प्रशासन मेहरबान क्यों


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प्रशासन की मेहरबानी मे भू-माफियाओं का पालन-पोषण=अधिवक्ता संदीप तिवारी
शहडोल। प्रदेश के मुख्यमंत्री  भू-माफिया के खिलाफ लगातार कार्यवाही करने का निर्देश प्रशासन को दे रहे है
दूसरी तरफ राजस्व अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से भू-माफिया के हौसले बुलंद है।
वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप तिवारी द्वारा दिनांक 06-11-2022 को आदिवासियों की जमीनों पर अवैध कब्जे, निर्माण शासकीय तालाबों, एवं शासकीय भूमियो पर भू-माफिया के द्वारा अवैध कब्जा के सम्बंध मे मय दस्तावेज पत्रकार वार्ता कर शासन प्रशासन के संज्ञान मे मामला लाया गया था एवं कार्यवाही हेतु ज्ञापन भी प्रेषित किया था जिसका प्रकाशन स्थानीय समाचार पत्रो मे प्रमुखता से प्रकाशित होता रहा है ।
दिनांक 07-11-2022 समाचार पत्रों  मे जिले की  कलेक्टर ,एवं तहसीलदार सोहागपुर का वर्जन (पक्ष) भी छपा है जिस पर कार्यवाही करने को कहा गया है फिर भी आज दिनांक तक कार्यवाही नही हुई क्या कारण है क्या मजबूरी है। प्रश्न यह उठता है कि क्या भू-माफिया अवैध कब्जा धारी इतने ताकतवर है कि प्रदेश के  मुख्यमंत्री जी के निर्देश का पालन कराने मे प्रशासन असहाय महसूस कर रहा है या फिर बात कुछ और है..?
गौरतलब है कि मप्र हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि प्रदेश में सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने के स्थाई हल के लिए प्रदेश के हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल (पीएलपीसी) के गठन की अधिसूचना जारी करें।तत्कालीन माननीय चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और माननीय जस्टिस सुजय पॉल की डिवीजन बैंच ने कहा है कि पीएलपीसी में तहसीलदार सचिव होंगे और अन्य राजस्व अधिकारी उसके सदस्य 
बैंच ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि चरनोई, श्मशान, तालाब, नदी व अन्य सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत करने के लिए समय-समय पर सूचना जारी की जाएगी। पीएलपीसी द्वारा अतिक्रमण संबंधी शिकायत मिलने पर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को सत्यापन के लिए शिकायत सौंपी जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर विधि अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अतिक्रमणकारियों के खिलाफ दांडिक कार्रवाई भी की जाएगी। डिवीजन बैंच ने कहा है कि पीएलपीसी सुप्रीम कोर्ट द्वारा जगपाल सिंह एवं अन्य मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों का ध्यान रखेगी।
इन सब के वावजूद भी ग्राम जमुआ स्थिति आराजी खसरा न.327,328,337,327/1,327/2,327 /3,327/4 की तालाब की भूमि एवं भीठा जो वर्तमान खसरे मे भी दर्ज है व दिनांक-20-07-22को माननीय त्रतीय जिला न्यायाधीश द्वारा शासन के पक्ष मे पारित निर्णय के बाद भी अबतक अवैध निर्माण नही हटाया गया और बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
गोरतरा पेट्रोल पंप के आगे नेशनल हाईवे से लगी ग्राम कुदरी की आराजी खसरा नं.513,514,515,516,जहा पर शासकीय नाला भी है शासकीय भूमिया है उस पर बने अवैध निर्माण को भी अबतक नही हटाया जा सका है जबकी हर दिन कोई ना कोई राजस्व अधिकारी वहा से गुजरता है..।
अवैध अतिक्रमण के सम्बंध मे  माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिये गये निर्देशो का पालन नही किया जा रहा है।
गांव मे एक कहावत है कि-
  ""जब बांडी ही खेत को खाने लगे तो खेत सुरक्षित कैसे रहेगा""
                                     
                                              
                             
          

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