25 खण्डपीठों ने किया प्रकरणों का निराकरण करोड़ों का अवार्ड पारित
बैंक, विद्युत सहित अन्य प्रकरणों का किया गया निराकरण
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शहडोल 14 मई ।- ’‘’न्याय सबके लिये’’ की अवधारणा को साकार रूप प्रदान करने के लिये आज जिला शहडोल में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री वीरेन्द्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु 25 खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिसमें से 11 खण्डपीठ जिला न्यायालय शहडोल में, 5 खण्डपीठ तहसील न्यायालय ब्यौहारी में, 5 खण्डपीठ तहसील न्यायालय बुढ़ार में तथा 4 खण्डपीठ जयसिंहनगर में गठित की गई । नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री व्ही.पी. सिंह तथा अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री राकेश सिंह बघेल एवं अन्य न्यायाधीशगण द्वारा मां सरस्वती एवं महात्मा गांधी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री बी.एल. प्रजापति, कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश सुश्री प्रतिभा साठवणे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव जिला न्यायाधीश श्रीमती निशा विश्वकर्मा, प्रथम अति. जिला न्यायाधीश श्री अमोद आर्य, द्वितीय अति. जिला न्यायाधीश श्री संदीप सोनी, श्रीमती प्रीति साल्वे मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट, श्री रविन्द्र कुमार धुर्वे व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, श्री मधुसूदन जंघेल व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, श्री अंजय कुमार सिंह व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, सुश्री विजयश्री सूर्यवंशी व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, श्री ऋषभ डोनल सिंह व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, श्री अमित शर्मा जिला विधिक सहायता अधिकारी, अधिवक्तासंघ के पदाधिकारीगण, पैनल अधिवक्तागण, पैरालीगल वालेंटियर, सामाजिक कार्यकर्तागण, न्यायालय के समस्त कर्मचारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
आयोजित नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय शहडोल के अंतर्गत मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों में से कुल 234 प्रकरण लोक अदालत में रेफर किये गये थे जिसमंे से 25 प्रकरणों में कुल मिलाकर 3406500/-रूपये का एवार्ड पारित किया गया । धारा 138 के अंतर्गत 455 रैफर प्रकरणों में 33 प्रकरण निराकृत हुये जिनमें 4360464/-रूपये की राशि के राजीनाम किये गये। न्यायालय में लंबित आपराधिक राजीनामा योग्य मामलों में 288 प्रकरण रखे गये जिसमें से 32 प्रकरण का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ । वैवाहिक प्रकरणों के निराकरण हेतु 98 प्रकरण रखे गये जिसमें से 13 प्रकरण राजीनामा के आधार पर निराकृत हुये और 26 लोग लाभांवित हुये । कुल मिलाकर न्यायालय में लंबित प्रकरणों में 1779 प्रकरण रखे गये जिसमें से 147 प्रकरण निराकृत हुये तथा 10886323/-रूपये का एवार्ड राशि पारित हुई ।
प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 1531 प्रकरण में से 48 प्रकरण निराकृत हुये तथा 800420/-रूपये की राशि बैंको में जमा हुई । बिजली के 1517 पूर्ववाद प्रकरणों में से 770 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 570859/-रूपये का राजस्व विद्युत विभाग को प्राप्त हुआ । इसी तरह नगरपालिका के जलकर के 1047 प्रकरणों में से 313 प्रकरण निराकृत हुये और 470838/-रूपये की वसूली की गई तथा संपत्तिकर एवं दूरसंचार के 479 प्रकरणों में से 90 निराकृत हुये और 436427/-रूपये की वसूली की गई ।
आज आयोजित नेशनल लोक अदालत सफल रही और न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में कमी आई। उल्लेखनीय है कि कुटुम्ब न्यायालय/परिवार न्यायालय शहडोल में धारा 125 द०प्र०सं० के अंतर्गत प्र0क0- एमजेसीआर-155/21, रूकमणी हंसपाल बनाम राजेश हंसपाल मॉ-बेटे के बीच विवाद चल रहा था। प्र०क० एमजेसीआर-12/20, श्रीमती नीलम बर्मन बनाम धरमू बर्मन धारा 125 सी.आर.पी.सी पति-पत्नी के बीच विवाद के कारण से अलग-अलग रह रहे थे व प्र०क० आर.सी.एच.एम 11/20, धरमू बनाम नीलम धारा 13 के अंतर्गत धरमू बर्मन बनाम नीलम बर्मन के द्वारा तालाक चाहा गया था किन्तु लोकअदालत में उपरोक्त प्रकरणों में उभयपक्षों के मध्य कुटुम्ब न्यायालय की समझाईश द्वारा पक्षकारों के मध्य राजीनामा करवाया गया, जिसमें सभी पक्षकारों ने एक-दूसरे को माला पहनाया एवं कुटुम्ब न्यायालय द्वारा स्मृति चिन्ह के रूप मेें फलदार पौधे को देकर उभयपक्षों को एक साथ विदा किया और उभयपक्ष न्यायालय से राजी खुशी से साथ-साथ घर गये हैं।
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