शहडोल । अति पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय महासंघ एवं ओबीसी फ्रंट ऑफ इंडिया मध्य प्रदेश द्वारा अलग-अलग ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को प्रेषित किया गया । अति पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय महासंघ द्वारा श्याम बाबू जायसवाल एडवोकेट के नेतृत्व में जहां ज्ञापन सौंपा गया वही ओबीसी फ्रंट ऑफ इंडिया मध्य प्रदेश का ज्ञापन वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉक्टर आरती साहू के नेतृत्व में दिया गया ।
29 सूत्री ज्ञापन में कहा गया है कि 90% बहुजन समाज को उनके संविधान में वर्णित मूल अधिकारों से लगातार वंचित किया जा रहा है । अभी हाल ही में बिना किसी आपत्ती के स्वत संज्ञान लेकर त्रिस्तरीय पंचायतों में ओबीसी का 27% आरक्षण समाप्त कर दिया गया है ऐसी स्थिति में जन आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है इसलिए अपनी मुख्य समस्याओं पर विचार विमर्श कर जन आंदोलन के माध्यम से अपने हक और अधिकार प्राप्त करना जरूरी है ।
ज्ञापन में वर्णित मांगों में मुख्य रूप से जो बातें रखी गई हैं उसके मुताबिक सवर्ण समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस तथा एससी और एसटी को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संपूर्ण आरक्षण दिया जा चुका है अतः ओबीसी को भी पूरा 52% आरक्षण दिया जाए । ओबीसी को आबादी के अनुपात 52% आरक्षण प्रदेश परीक्षाओं शासकीय नौकरियों एवं पदोन्नति यों के साथ-साथ शासन से अनुदान एवं सहायता प्राप्त निजी क्षेत्रों की नियुक्तियों में अनिवार्य किया जाए तथा आरक्षण विरोधी आउट सोर्स भर्ती प्रथा बंद की जाए ।
ज्ञापन में यह मांग भी रखी गई है कि लोक सभा राज्य सभा विधान सभा विधान परिषद में ओबीसी को 52% राजनीतिक आरक्षण दिया जाए साथ ही सामान्य वर्ग को भी 10% आरक्षण दिया जाए। न्यायपालिका में कॉलेजियम द्वारा न्यायाधीशों के चयन की प्रक्रिया समाप्त कर राष्ट्रीय न्यायिक आयोग की स्थापना कर आयोग के माध्यम से चयन हो। न्यायपालिका में ओबीसी एससी एसटी तथा सामान्य सभी वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू हो। जनप्रतिनिधियों के सभी पदों पंचायत नगर पालिका मंडी सहकारिता आदि में समाज के सभी जाति वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए ।
यह भी मांग की गई है कि शिक्षा व्यक्ति और समाज के विकास की पहली नियम है शिक्षा की समानता से विषम समाज पैदा होता है अतः शिक्षा का विभेद एवं व्यवसायीकरण समाप्त कर सबके लिए एक समान शिक्षा लागू की जाए। जनगणना के आंकड़े समाज के सभी वर्गों की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक स्थिति एवं प्रतिनिधित्व को ज्ञात करने का सबसे प्रमाणिक माध्यम है जिससे नागरिकों के विकास की योजना तैयार होती है जनसंख्या जाति प्रथा के इस देश में जातिगत जनगणना अनिवार्य की जाए। कृषि उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिलने से प्रतिवर्ष हजारों किसान आत्महत्या करते हैं देश के किसानों ने 1 वर्ष से भी अधिक समय तक अपनी वाजिब मांगों के लिए संघर्ष किया है किंतु कृषि को लाभ दायक तथा धंधा बनाए जाने का कानून लागू नहीं हुआ अतः स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट एवं एसएसपी शीघ्र लागू की जाए।
इनकी रही उपस्थिति
अति पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय महासंघ एवं ओबीसी फ्रंट ऑफ इंडिया मध्य प्रदेश द्वारा ज्ञापन सौंपते समय प्रमुख रूप से श्याम बाबू जायसवाल डॉ आर पी साहू आरके विश्वकर्मा अखिलेश नामदेव अजय जायसवाल बाल्मिक जायसवाल राकेश सोनी गोविंद प्रसाद साहू घनश्याम जायसवाल वीरेंद्र कुमार सोनी रोशनी जायसवाल उमादत्त प्रजापति एमपी साहू एवं राजू यादव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।अति पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय महासंघ के संभागीय नवनियुक्त अध्यक्ष अजय जायसवाल पत्रकार एवं ओबीसी फ्रंट ऑफ इंडिया मध्य प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ आर पी साहू द्वारा प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के अलावा पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन प्रेषित किया गया है।
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