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जान है तो जहान है

 *आवारा कलम से* दिनेश अग्रवाल वरिष्ठ पत्रकार


     आदमी  बहुत  निर्दई         होत ,   अपने  स्वार्थ  के   लाने वो कछु कर सकत, कछु दिन पहले दो मुसतण्डे  से एक पेड़ के नीचे बैठे सुस्ता रये थे । हमने पूछ लई कै काये भैया इते कैसे बैठे ?

   वे बोले-- हम लोग थक गए पेड़ की छाया में बैठ गए इतै बडो आराम मिल रओ  । हमने पूंछी काये  ?  कहां!  आये  जा रये ? ऐ बाई , इतने

निर्लज्ज वे निकरे कि उनकी बातें  सुन के हमें लगो कि धरती मइया इतईं फट जायें और हम ऊइमें समां जायें ।

     मालुम, उन-- नंगन ने का जबाब दओ ?

 बे-शर्म बोले कि हमें कऊं नईं जानें, हम तो एई पेड काटवे आये ।

 जब सुनो हमने, तो ऐसो लगो जैसे कोऊ ने कान में गर्म तेल डार दओ ।

नासपिटे ओई पेड काटवे बैठे , जी की छाया में सुस्ता रये  ।  धिक्कार है

ऐसे आदमी खों , 

   एक हमाई पुलिस है ।सब को भलो कर रई ।

कल पुलिस ने पेड बांटे,

बीसन प्रकार के पेड हते,

सबखें बांटे,और जा बात भी बार--बार जताई कि पेड लगाना और इसे पालना-पोसना, बडा करना फिर देखना कि तुम्हारी मेहनत रंग लायेगी ।   माइक पे सरकारी पुलिस की सुन्दर सी बाई बहुतईं मीठो-मीठो बोल रईं थी

ई  बात खे पुलिस के सबसे बडे साहेब ने भी माइक पे कै दईती  कि

 डी एस पी सोनाली जी ने जो कहा कि "वृक्ष हमारे हैं आभूषण ,

शुद्ध होता इनसे पर्यावरण" ये एक मंत्र है

हम सबको अपने जीवन में इस मंत्र को उतारना होगा । ये ग्रीन-लंग्स हैं ।

हरे फेफड़े । इनको बचा

लो , यही आज की मांग है । पुलिस कप्तान अवधेश गोस्वामी और उप कप्तान मुकेश वैश्य के साथ --साथ और भी अधिकारी थे, सबने पेड बांटे । पत्रकारों को भी पहले केले खिलाये ,फिर बुला--बुला के हरेक को एक - एक हरो, पेड भेंट करो । आवाज दबा खें वजनदारी के साथ जा बात  भी कै दई, कि पेड लगाना,  उसे  पालना

हम देखने आयेंगे ।

  एक तरफ पुलिस बढिया काम कर रई, कि सबखें शुद्ध

हवा मिले । जबकि बाप दादा बताउत ते कि पुलिस हवा बंद कर देत,

अच्छे-अच्छे तीसमारखां

 पानी मांगन लगत ।

ओई धाकड पुलिस पेड बांट कर समाज को चेता रई कि सम्हर जाओ, पेड लगाओ,अपनी पीढियों को जीवन देकर जाओ ।

   वे दोई मुसतण्डे जो पेड काटवे ओई की छाया में बैठे थे, ऐसे लोगन खे, अब सबक सिखाने का वक्त है ।

भैया बहुत पुरानी बात  नईंयां , सबने देखो , कि आदमी ऑक्सीजन के लाने   कैसे   तडफत फिरो । सामान बेंच कर सलैण्डर के पाछे पगलाओ भगत रओ ।

  जान है तो जहान है ।

जेई पेड हमाई सांस है और  जे ई  हमाई  जान है ।

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2 Comments

  1. पर्यावरण में पेड़ो की भुमिका अहम् है इसे लगाना और बचाना जरूरी है जन हित में 🙏🙏🙏

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