मृत्युंजय सोनी की रिपोर्ट
मनेन्द्रगढ़/बच्चों की पहली शिक्षक माँ होती है जो उन्हें बोलना,चलना और बहुत कुछ सिखाती है, अब कोरोनाकाल में घरेलू चीजों से माँ बच्चों को पढ़ना लिखना सिखाएगीl
"अंगना म शिक्षा" कार्यक्रम के अंतर्गत जिला कोरिया में जिला स्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण सह बैठक कार्यक्रम में शिक्षक विधात्री सिंह ने कहा कि "अंगना म शिक्षा" कार्यक्रम के तहत हम बच्चों की माताओं को प्रशिक्षण देकर बच्चों की पढ़ाई घर में ही करने की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं ताकि बच्चे कोरोना संक्रमण से भी बचे रहें और उनकी पढ़ाई भी बाधित न हो. प्रशिक्षण में DPC अजय मिश्रा, ए पी सी राज चापेकर ,भरतपुर सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी सुदर्शन पैकरा , बी आर सी देवेन्द्र गुप्ता सहित सी ए सी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन परवीन बानो द्वारा किया गया , अंगना म शिक्षा हेतु कोरिया जिला के लिए चयनित DRG व भरतपुर ब्लॉक की शिक्षिका श्रीमती विधात्री सिंह ने अंगना म शिक्षा का उद्देश्य बताया उसके क्रियान्वयन,चरण,शिक्षण के साथ घर मे ही ज्ञान अर्जन की विधि व नवाचार के बारे में विस्तार से समझाया साथ ही श्रीमती खुशबु राय द्वारा गतिविधियां बताईं गईं, वहीँ श्वेता सोनी, प्रतिभा जैसवाल, मीना जैसवाल, वैशाली व अन्य शिक्षिकाओं द्वारा रूप रेखा, नियोजन, गतिविधियाँ बताया गया, कोरोना काल में 5 से 8 साल के बच्चे पढ़ाई से वंचित रह गये हैं, माताओ द्वारा घर पर ही घर मे उपलब्ध विभिन्न वस्तुओं द्वारा - जैसे आलू, टमाटर, प्याज आदि व रुचि कर गतिविधियां द्वारा बच्चों को आसानी से सिखाया जा सकेगा इस हेतु उन्हें प्रशिक्षित करने और शिक्षा को सुलभता के साथ कोरोनाकाल मे भी हर घर मे पहुँचाने की इस महती योजना और पढ़ाई का जिम्मा सौंप कैसे अंगना म शिक्षा दी जा सकती है बताया गया। .*
इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में 300 लोग जुड़े थे और अधिक संख्या में जुड़ने उत्सुक थे जो इस योजना की सफलता इसका प्रमाण है कि पिछले वर्ष भी इसका सफल परिणाम धरातल में देखने को मिला था बच्चों को शिक्षण घर मे कराया गया और सीखे भी है
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