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अद्भुत है कलेक्टर एसपी की जोड़ी

 *आवारा कलम से*दिनेश अग्रवाल  वरिष्ठ पत्रकार

     पूरो  गांव  खुश  है  ।


 कल  गांव  में  आये  थे,

कलेक्टर  साहेब   और एस  पी  साहेब  दोईजने

अपने  से आये  थे ।  इते

खडे हो कैं--सबरन खें ,

लगवा दई । *वैक्सीन*। 

 जो कछू दिमागदार गांव के हते, सो उनकी एक नईं  चली । सारन ने खुद भी सुई लगवाई और जो लग्गू---भग्गू उनके रहे सो उनको भी सुई लगवाई  । सामने खडे थे

कलेक्टर---एस पी दोई ।

पूरे टायम रहे ।  हम भी जानत है, अगर वे हटते सो समझो, सब काम बिलुर  जातो  । रिकार्ड बन  गओ । अपने गांव को  उम्दा  रिकार्ड बनो ।

छोटे अधिकारी भी कछू फुसफुसा के बोल रये थे  कि  नम्बर वन पर यही  गांव रहेगा  । अच्छे काम में आजादी के बाद पहली बार समझो कि गांव   की   नाक   ऊंची भई ।  

    कलेक्टर और एस  पी दोनों बडे नेक इंसान हैं ।  इनकी जोडी हमेशा  बनी रहे, हम तो जोई चाहत । एक फिल्म आई थी  गोले  नहीं   शोले  । वाह !  क्या जुगलबन्दी थी, दोनों की आज तक याद है । ऐसी प्यारी जोडी को जमाने की नजर न लगे । अगस्त 28 बीत जाये तो तस्वीर बिल्कुल साफ हो जायेगी ।

           कक्कू को गुमान  है कि इम्युनिटी की सुई जिसको भी लगी अब उसको महामारी न लगेगी ,भले ससुर अपनी मौत मर जाये ।  कक्कू को अब कौन समझाए कि   गारंटी  कोऊ  नई  दैरओ । महामारी रूप बदलत रहत ,ऊसे न बचहें, कोई

जा  सुई  केवल  और केवल इम्युनिटी बढाने के लिये है ।  रिकार्ड

बनाने के लिये है । मौत से   ध्यान   बटाने   के लिये है । दूसरी लहर के दौरान जो बैकुण्ठवासी हुये , वो ऊपर से देख रहे होंगे कि उनके वारिसों को कोई मुआवजा नहीं मिला । ऑक्सीजन के लिये भी  पूरे  सीजन  भर  झूठ  ही   झूठ परोसा गया । 

             बगल के गांव में इस बात का हल्ला था कि जहां तालिबानी पहुंच जाते  वहां से कोरोना भाग जाता है मैंने समझाया की पहले देश को तो अच्छी तरह समझ लो , फिर विदेश की बात करो  ।  ऐसी बड़ी--बड़ी फेंकोगे तो देशद्रोही के लपेटे में आ  जैहो । इतनी सुन कर वे हमईं से सवाल करन लगे ,  पूंछन लगे,  काये बताओ कोविड-19 अपने देश को आए कि विदेश को आय ? आज सब लोग  उसी की बात कर रये कि नई  कर  रये ?  सुई लगवाने बाले ऊई  कर   रहे  कि  नईं

कर रये  ।  अब देश--विदेश  सब  बराबर 

 हो गये ।

   अफगान अपने लाने कब से पराओ देश हो

गओ । काबुल तक तो पहले अपनों राज हतो

नागपुर के ऑफिस में उको  नक्शा  भी  लगो  है, जब ठान लैहे छप्पन इंची सरकार तो   एक एयर  स्ट्राइक  और  कर लैहे । पहले तो पुराने लड़ाकू विमान हते , अब तो  नओ--नओ  राफेल आ  गओ  ।

     कछु   दिनन   बाद एक--एक   ग्राम पंचायत में  एक-- एक राफेल रखा दिया जाएगा । जब सरपंच चाहेगा अपनी एयर स्ट्राइक कर लेगा गांवों में हड़कंप हो जाएगा । रेता तस्कर नशा खोर और कोयला चोर ,सूदखोर अगर अब बचे होंगे ,  तो कांप जाएंगे ।

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