शहडोल l तमाम समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों में आए दिन यह खबर सुर्खियों में रहती है की जिले में रेत माफिया ताबड़तोड़ नदियों का सीना छलनी कर रहे हैं यहां तक की बरसात में भी बड़ी-बड़ी मशीनों से नदियों से रेत निकाली जा रही है दिखावे के लिए तो प्रशासन छुटपुट कार्यवाही करता रहा है परंतु रेत माफिया के मगरमच्छों पर कभी कार्रवाई नहीं होतीl
ट्रैक्टरों एवं छोटे वाहनों को तो पकड़ लिया जाता है और बड़े-बड़े जुर्माने लगा दिए जाते हैं किंतु पोकलेन मशीन एवं बड़े बड़े वाहनों को कभी जप्त नहीं किया जाता इसका क्या कारण है इस संबंध में जब मैंने छानबीन की तो यह पता चला कि शहडोल जिले में तो यह कहावत चरितार्थ हो रही है कि सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का या फिर एक और कहावत चरितार्थ होती है की बाड़ी ही खेत खा जाए तो सुरक्षा कौन करेगा l
दरअसल शहडोल जिले के एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी का संरक्षण वंशिका ग्रुप रेत माफियाओं को मिल रहा है यहां तक की इस प्रशासनिक अधिकारी का एक पुत्र वंशिका ग्रुप में शामिल होकर रेत माफिया की भूमिका निभा रहा है जब मैंने इस प्रशासनिक अधिकारी की पुरानी कुंडली निकाली तो पता चला कि जब यह साहब सतना में थे तो वहां भी तमाम रेत माफियाओं से मिलकर रेत खदानों से पैसा वसूल रहे थे इनका स्वभाव ही ज्यादा से ज्यादा धन कमाना है यह तो अपने चेंबर में भी पैसे ले लेते हैं ऐसी जन चर्चा व्याप्त है जमीनों की परमिशन देने में भी लाखों करोड़ों का खेल कर रहे हैं l
मैंने अपने जीवन में कलेक्टर अजय सिंह यादव एवं सूर्य प्रताप सिंह पंकज अग्रवाल सुखबीर सिंह मुकेश शुक्ला अशोक भार्गव अशोक शाह जैसे 2 दर्जन से अधिक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली देखी है पर ऐसा प्रशासनिक अधिकारी नहीं देखा जो स्वयं गलत कामों से इतना ज्यादा पैसा कमा रहा है. l
मलाईदार पदों में बैठे अधिकारियों को मलाई खाने का शौक तो होता है परंतु इतनी ज्यादा मलाई खाने की यदि आदत पड़ जाए तो पेट भी खराब हो जाता है l हमाम के अंदर तो सभी नंगे हैं चाहे वह अधिकारी हो नेता हो व्यापारियों जनप्रतिनिधियों या फिर प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ परंतु सार्वजनिक जीवन में चोर वही कहलाता है जो पकड़ा जाए जो पकड़ा ना जाए वह ईमानदारी माना जाता है l
फिलहाल तो हम अपनी कलम को यही रोकते हैं क्योंकि किसी को सरेआम नंगा करना उचित प्रतीत नहीं होता मेरा इशारा कहां है लगभग सभी समझ चुके होंगे यदि ना समझ में आया हो तो अगली बार अपनी कलम से मैं उस प्रशासनिक अधिकारी का नाम भी जगजाहिर कर सकता हूं वैसे इनका बोरिया बिस्तर तो बंधने ही वाला है यह बात अलग है की चांदी की खनक से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने वाले यह प्रशासनिक अधिकारी इन दिनों शिव साधना में लीन प्रतीत होते हैं यदि इनकी शिव साधना सफल हो गई तो बोरिया बिस्तर नहीं बंधेगाl हर हर महादेव ओम नमः शिवाय ....l
1 Comments
😄😄😄😄 कुछ भी कहे अपने लिखा तो बड़ा ही कमाल का है इतने प्यार से अपने शासन और प्रशासन की पोल खोली मजा ही आ गया
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