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शहडोल l ग्राम सेवा अभियान के अंतर्गत संभाग आयुक्त राजीव शर्मा दूरस्थ अंचल के ग्राम खोह जब पहुंचे तब यह बात उजागर हुई की पीढ़ियों से अनेक ग्रामीणों की भूमि का नामांतरण लंबित है इसके अलावा राजस्व संबंधित अन्य कार्य के लिए ग्रामवासी भटक रहे हैं l
यह बात अलग है की कमिश्नर द्वारा पूरी संवेदनशीलता दिखाते हुए और ग्राम सेवा अभियान को सार्थकता प्रदान करते हुए तत्काल लंबित प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया परंतु यह सवाल उठता है कि क्या आजादी के 54 सालों तक दूरस्थ अंचलों में सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी नहीं पहुंचते रहे हैं या फिर पहुंचने के बाद भी ग्राम वासियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया lयही बात सांसद विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए भी लागू होती है कि वोट लेने के लिए तो वे जरूर गए होंगे दूरस्थ अंचल के गांव में तो क्या उनके द्वारा भी ग्राम वासियों की समस्याओं को दरकिनार किया जाता रहा है l
एक सवाल यह भी उठता है कि दूरस्थ अंचल से आने वाले फटे हाल गरीब ग्राम वासियों की छोटी-छोटी समस्याओं को कलेक्ट्रेट एवं तहसील कार्यालयों में गंभीरता से क्या नहीं सुना जाता है जिसके कारण कई दशकों तक ग्रामवासी सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते रहते हैं या फिर सरकारी दफ्तरों में बिना सुविधा शुल्क दिए कोई काम ही नहीं होता है क्योंकि यदि ऐसा हुआ होता तो पीढ़ियों तक ग्राम खोह के लोगों का भूमि का नामांतरण लंबित नहीं रहता l
हम बता दें कि सिर्फ ग्राम खोह तो एक नमूना है समूचे शहडोल जिले में अथवा समूचे शहडोल संभाग में दर्जनों गांव ऐसे हैं जो या तो पहुंच विहीन है या फिर दूरस्थ अंचल के कारण वहां तक विकास रूपी सूरज की किरणें अब तक नहीं पहुंच पाई है l दर्जनों कलेक्टर एवं कमिश्नर आकर चले गए परंतु राजीव शर्मा जैसे संभागायुक्त का पहली बार पदार्पण हुआ है जो ग्राम सेवा अभियान के रूप में एक नवाचार की शुरुआत करके जन जन की समस्याओं का समाधान गांव गांव पहुंचकर कर रहे हैं इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है लेकिन बड़े प्रशासनिक अधिकारीयों एवं सांसद विधायक जैसे जनप्रतिनिधियों के लिए सबक है की वे अपने दायित्व एवं कर्तव्य का इमानदारी पूर्वक निर्वहन करें l
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