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जीव जंतुओं के अस्तित्व पर सुनहरी रेत भारी

 

जिला प्रशासन की मौन स्वीकृत वंशिका ग्रूप को दिया


अभयदान

मत्स्य प्रजनन काल में रेत का खनन परिवहन आखिर क्यों....

पंडित रघुवंश मिश्रा की रिपोर्ट

 शहडोल l जिले मे अदभुत है रेत भंडारण की लीला, प्रतिबंध के बावजूद नदी की धार मोड सोन नदी का सीना छलनी किया जा रहा है। मत्स्य प्रजनन काल में खनन,परिवहन आखिर क्यों....? आम जनता सबाल खड़ा कर रही है। जिला प्रशासन बौना सावित हो रहा है और नरसिंहपुर का रेत ठेकेदार वंशिका ग्रूप लगातार कहर बरपा रहा है। जिसमे शहडोल प्रबंधक मुरारी व अजित सिघ और नाम सामिल हैl

एनजीटी नियमों का उल्लंघन

 ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिले में संबंधित विभाग के अफ्सरो ने नई रेत नीति बना दी जिसमे बकायदा एनजीटी आदेश का खुला उल्लंघन हो रहा है।  नदियों मे दहाड़ती पोकलेन मशीन, सीधे नदी मे उतारने से लेकर, प्रकृति का चीरहरण कर नदी की धार मोडकर प्रकृति से खिलवाड़ कर रही है।  ग्रामीणों के आवागमन की सड़को तोड़कर, कृषि की जमीन तक को प्रभावित करने जैसी छूट के साथ चमत्कारिक भंडारण करने की एनओसी जारी हो रही है। 

निकलने के बाद भी कम नहीं होता भंडारण 


यहां शाम ढलते ही सैकडों बडे ट्रक हाइवा रेत आपूर्ति के लिए परिवहन किए जाने के बावजूद अगले दिन भंडारण क्षमता उतनी ही रहती है ।जैसे वंशिका ग्रूप को कोई आलादीन का चिराग मिल गया हो जिसे रगडते ही जिन्न प्रकट हो जाता हो ।वह जिन्न वंशिका ग्रूप के हुकमराने आका कहते ही  फिर उतना रेत इक_ा हो जाता हैं जितना की कागजों में। जो महज मीडिया की पैनी नजर पर पर्दा डालने के काम आती हैं। संभवत: मामले में आधिकारियो ने संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की हिदायत दी हैं। लेकिन बेरोकटोक संचालित रेत खनन मानसून सत्र में जारी है।

प्रवर्तित (डायवर्सन) भूमि की अनदेखी

जबकि गौण खनिज भंडारण अधिनियम के तहत प्रवर्तित (डायवर्सन) भूमि पर ही रेत भंडारण के लिए पात्रता होगी। किन्तु यहाँ पदस्थ अफ्सर ठेकेदारों से मिलकर मानो अपना सांम्राज्य स्थापित करने के लिए दो चार हो रहे है ये रेत कारोबारी अपनी मनमर्जी से नियम तय कर रहे हैं। खदानों की मिली स्वीकृति के नाम पर सैकड़ों हाइवा रेत शहडोल जिलेअंतर्गत आने वाले कई गांवो में अवैध भंडारण की मानो मौन स्वीकृति मिली है। वरना जिले की तेज तर्रार इंसाफ पसंद महिला खनिज अधिकारी जिले की नदियों से मुट्ठी भर रेत नदी से निकलने न दे। गौरतलब हो कि पिछ्ले वर्ष तातकलीं पूर्व खनिज मंत्री मध्यप्रदेश शासन प्रवास के दौरान की मौजूदगी में कांग्रेसी नेताओं से भिड गई थी। और कहा था कि मेरे रहते जिले से कोई मुट्ठी भर रेत चोरी नही कर सकता और किया तो कार्यवाही हो करके रहेगी। पर कार्यवाही और जिले में वर्तमान समय में तस्वीर बदली  सी है ।आज भाजपा की सरकार मे कांग्रेसी विधायक का रौब कार्यवाही पर भारी पड रहा हैं।

 वैध ठेकेदार की दिमागी उपज अवैध खनन पर आमादा

 वर्षाकालीन अवधि में 30 जुलाई से 15 अक्टूबर तक प्रदेश के समस्त रेत खदानों में शासन के निर्देशानुसार रेत खनन व परिवहन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जिसे कोविड -19 मे महज 15 दिन का एक्टेशनशन मिला हुआ था। जो आज की तारीख में भी शून्य हो चुका है इस मामले में सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि विभाग रेत ठेकेदारों की माफियागिरी पर स्वयं स्तब्ध है जाने कैसे खनन पर छूट और लूट की बात पर एनओसी दी गई जिसके चलते ही लगातार वैध ठेकेदार की दिमागी उपज अवैध खनन पर आमादा है हर दिन लाखों रूपये की सुनहरी रेत नदी की रेत खनन और भारी भरकम वाहनों से परिवहन का संचालित व्यापार परवान चढ़ा हुआ है मामले में आश्चर्यजनक है कि नेता, मंत्री, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी कई तरह के सवाल खडेे हो रहे हैं।

रायल्टी पर खुले आम डाका 

शासन को रेत लोडिंग व ट्रांसपोर्ट करने ें किसी भी तरह के रायल्टी नहीं देने पड़ रहे हैं। मानसून सत्र में रेत की कीमत भी चौगुना कीमत पर ही बोड्डिहा, रसपुर समेत   नदी के रेत घाटों से रेत की बिक्री हो रही है। सूत्र बताते हैं कि रेत से होने वाले फायदा निगह बानो समेत कई संलिप्त पार्टनरो के बीच हिस्सेदारी में बंट रह है।  सूत्रों से यह भी पता चला हैं कि इस समय जयसिंहनगर क्षेत्र अन्तर्गत  तथाकथित भाजपा नेताओं ने भी अपना अपना दमखम दिखाने मेे नही चूक रहे हैं और  रेत निकालकर भण्डारण कर अपनी अपनी वाह वाही लेने मे कोई कोर कसर नही कर रहे हैं। इलाके में वंशिका ग्रूप ने दो सिपहसलाहकार, जिनमें ब्यौहारी मे  मुरारी कटारे के जिम्मे मानसून सत्र में रेत कारोबार बाधा रहित खनन परिवहन की जिम्मेदारी दी है।अब देखना यह हैं कि क्या जिला प्रशासन इस मानसून सीजन मे रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगा पाती हैं कि नही....?इंतजार करना पड़ेगा।

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