*आवारा कलम से* दिनेश अग्रवाल वरिष्ठ पत्रकार
आओ अतिथि !
कभी हमारे यहां भी आओ !
पहले की तरह बिना तिथि बताएं मत आना । आपका कहना सच है, जो बिना तिथि बतलाए अचानक पहुंचे, वही अतिथि होता है ।
इसमें सुधार कर लो अतिथि ।
तिथि बता कर भी आओगे, तो भी हम आपको अतिथि मानेंगे ।
हे ! अतिथि, यहां घर में हमारा, बीवी--बच्चों से झगड़ा है । तो यह मत समझना कि हम लड़ाकू हो गए । दरअसल में कोविड-19 की आचार संहिता ने सोशल डिस्टेंस के लिए बाध्य कर दिया था । इसीलिए नियमावली फॉलो करने के उद्देश्य से यह सरल तरीका निकाला है। सब मुंह फुलाए अलग-- अलग बैठे रहते हैं और फूला हुआ मुंह खराब न लगे इसीलिए मास्क लगाए घर में घूमते रहते हैं । आप भी सब सीख जाओगे, दो दिन को आ जाओ अतिथि ।
अब यह बहाना नहीं चलेगा कि पेट्रोल डीजल महंगा हो गया है । अतिथि ,यही वक्त है देश के लिए कुछ कर गुजरने का --। अपना आर्थिक योगदान सरकार को दे दो । क्योंकि सरकार इस राशि का खर्चा अपने मंत्रिमंडल के विस्तार में ना करके पीड़ित मानवता के लिए करने जा रही है ।
अतिथि ! आपने एक बार पूंछा था कि सुरसा का मुंह कैसा होता है ?
अब आना तो हम आपको समझायेंगे--आप हमें समझाना । इसी तरह "टी वी डिवेड शो" का गेम खेलेंगे । टाइम खूब कटेगा , बल्कि कम पड जायेगा । याद है ना
बचपन में जब अपन लोग छोटे -- छोटे थे
तब इस गेम में ब्रेक ही नहीं लेते थे । दादा जी
ही आकर अपने चरणों से ब्रेक लगाते थे ।
अतिथि ! तुम सरकारी नौकरी में क्या चले गए कि यार पुराने दिन बिल्कुल भूल गए ।
हम ठहरे बनिया तो हर शाम को खाता खोलते हैं तुम्हारी उधारी की कलम देखकर रोज याद कर लेते हैं । यह मत समझना कि मैं पुरानी वसूली करने के लिए बुला रहा हूं --हां! यह अलग बात है कि अगर तुम बकाया चुकता करोगे तो मैं मना नहीं करूंगा क्योंकि मैं दिल से तुम्हारी बहुत इज्जत करता हूं ।
अतिथि ! तुमने पूंछा था ना, कि इस शहर की सड़कें कैसी हैं ? नेता जी ने जैसा कहा था ठीक वैसी ही सुघड, सलोनी, सुंदर और चिकनी है । कुछ प्रकृति प्रेमियों ने अपने अपने घरों के सामने सड़कों पर गड्ढे इसलिए सुरक्षित नहीं बनाए कि यातायात में अवरोध हो बल्कि उनका मानना है की गड्ढों में भरा बरसाती पानी देख कर वे सुलभता से अंदाज लगा लेते हैं की बारिश कितने इंच हुई ? उन्हें हर घंटे इसका हिसाब रखना पड़ता है क्योंकि कभी भी शासन से राहत राशि की घोषणा हो सकती है और वह सर्टिफिकेट लेने के लिए दौड़ लगा सकते हैं ,प्रमाण के तौर पर वह इन गड्ढों में भरे पानी का प्रमाण दे सकते हैं ।
इसी बात से याद आया की नगर सफाई का अभियान जैसे ही पूरा होता है ,शहर में बारिश कृपा जरूर करेगी । अभी पानी इसलिए नहीं गिर रहा कि साफ सफाई का अभियान पूरा नहीं हुआ है अगर पानी गिरा तो सारे प्रयासों की पोल खुल जाएगी ।
अतिथि ! तीसरी लहर के बारे में पूछ रहे थे ना बहुत उत्सुकता से पूछा था आपने इतना प्रेम मत प्रदर्शित करो अतिथि , क्योंकि मेरे जीवन की यह ऐसी पहली बीमारी है जो कैलेंडर बनाकर आती जाती है जब भी आना मास्क लगाकर आना हाथ धोकर तो हम बैठे ही हैं । आप आ भर जाओ ।
कौन कहता है कि हम लोगों का पोषण कम हुआ है और शोषण ज्यादा हुआ है ? इस आदिवासी जिले में अगर आपको हम कमजोर दिखते हैं, तो इसका यह मतलब नहीं कि खाने-पीने में कोताही बरतते हैं, पेल के खाते हैं एक रुपए किलो का गल्ला खाते हैं, मजदूरी करने से कतराते हैं और देसी मिले या विदेशी खींच कर पीते हैं ।अतिथि यहां पर रात को 11:00 बजे तक दारु की दुकान खुली रहती है डॉक्टर का क्लीनिक और सांची दूध का डिपो शाम को ही बंद हो जाता है लेकिन अपुन शौकीन लोगों का ध्यान रखने वाली सरकार बहुत अच्छी है । मैं बिना पिए कसम खाए बोलता हूं अगर यह 24 घंटे दारु की दुकान खोल दे, तो मैं अभी से इस को 10---15 वोट देने को तैयार हूं । मजे करो अतिथि । मजे करो । मरने को तो महामारी आ रही है ।
चार दिन की जिंदगी है । क्या किसी की शिकायत करना
और क्या शिकायत सुनना ।
मौज में रहो अतिथि
मौज में रहो ।
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