अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन शहडोल द्वारा कार्यक्रम आयोजित
शहडोल l अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार एसोसिएशन शाखा शहडोल द्वारा रविवार को विधि महाविद्यालय के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में दिव्यांगों को व्हीलचेयर एवं ट्राई साइकिल का वितरण किया गया l इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार एसोसिएशन शहडोल के अध्यक्ष रोटेरियन टीपी मिश्रा उपाध्यक्ष आर एस पाठक एवं अशोक सराफ प्रवक्ता दीपक गौतम कोषाध्यक्ष एमएम पांडे कल्याण सचिव अनिल पांडे महासचिव संदीप तिवारी एवं दैनिक भारती के संपादक चंद्रशेखर अग्रवाल एवं वरिष्ठ पत्रकार अजय जायसवाल मौजूद रहेl
दोनों पैर से दिव्यांग धरमपाल
दोनों पैर से दिव्यांग धरमपाल सिंह पिता उदय सिंह उम्र 37 वर्ष निवासी ग्राम बस कुटा ब्लॉक मानपुर जिला उमरिया ने बताया कि लगभग 10 वर्ष की उम्र में उसके दाहिना पैर मैं लोहे की कील लग गया था जिससे घुटने के ऊपर पैर खराब होने लगा तब जिला चिकित्सालय शहडोल में है ऑपरेशन के द्वारा उसका पैर काट दिया गया इसके बाद बाएं पैर में पत्थर से चोट लग जाने पर घाव इतना गहरा हो गया की तमाम इलाज के बावजूद पैर गलने लगा तब उसे फिर से जिला चिकित्सालय शहडोल में भर्ती कराया गया जहां 21 मार्च 2021 को बाया पैर घुटने के नीचे से ऑपरेशन के द्वारा काट दिया गया इस तरह से वह दोनों पैरों से विकलांग हो गया पहले वह फर्नीचर का काम करता था साथ ही खेती-बाड़ी करके अपना परिवार चलाता था परंतु अब असहाय हो गया है l
इस दिव्यांग के साथ उसकी पत्नी फूलबाई एवं 14 वर्षीय पुत्र तथा 12 वर्ष की बेटी भी साथ में आई थी पत्नी ने बताया कि दोनों पैर से विकलांग हो जाने के कारण उसका पति बिस्तर में ही पड़ा रहता है जिसे उठाना बताना पड़ता है l अब साइकल मिल जाने से वह कुछ काम करने लगेगा जिससे हमारे परिवार में खुशी लौट आएगी l संस्था के अध्यक्ष टी पी misra द्वारा दिव्यांग धर्मपाल की धर्मपत्नी को ऑटो से आने जाने का ₹2000 नगद प्रदान किया गया l
दिव्यांग लतीफ खान
73 वर्षीय लतीफ खान पिता फूल खान निवासी एफसीआई गोदाम के पास शहडोल की रीढ़ की हड्डी मैं परेशानी के कारण दोनों पैरों से वे विकलांग हो गए हैं पैरों में ताकत नहीं है जिससे चल फिर नहीं पाते लतीफ खान एसईसीएल कोयला खदान मैं सीनियर ओवरमैन के पद पर कार्यरत थे और वर्ष 2008 में सेवानिवृत्त हुए हैं सेवानिवृत्ति के बाद ही वर्ष 2010 से उन्हें विकलांगता आ गई जिस पर उन्होंने नागपुर एवं जबलपुर में इलाज कराया पर बीमारी ठीक नहीं हुई डॉक्टर उन्हें ऑपरेशन के लिए कह रहे थे पर वे ऑपरेशन नहीं कराना चाहते उनकी 1 पुत्र एवं तीन बेटियां हैं सभी का विवाह हो चुका है अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन द्वारा आज उन्हें व्हीलचेयर दी गई जिससे उनके चेहरे में मुस्कान आ गई l
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