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रैली निकालकर आशा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

 कोरोना योद्धा का दर्जा दिए जाने की मांग


 जान गंवाने वाली आशा कार्यकर्ताओं को अनुकंपा नियुक्ति दिया जाए

शहडोल l आशा उषा आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा मध्य प्रदेश संगठन द्वारा 30 जून को संभागीय मुख्यालय शहडोल में विशाल रैली निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया गया l रैली में शामिल महिलाएं नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची जहां 12 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कलेक्टर को सौंपा गयाl


ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में मातृ शिशु मृत्यु को रोकने सरकार  की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को लागू करने एवं कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा संचालित अभियानों में आशा कार्यकर्ता सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं आशा कार्यकर्ता दिन भर काम तो करती हैं लेकिन प्रसूति के दौरान कई बार उन्हें रात भी अस्पताल में ही बितानी पड़ती है और अक्सर रविवार को भी आशा कार्यकर्ताओं एवं सहयोगियों   से काम लिया जाता है कुरौना महामारी के दौरान आशा एवं सहयोगी अपनी व अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर लगातार काम करती रहीl

कोविड-19 महामारी की तीव्रता और कठिन दौर में भी घर घर पहुंच कर कोरोना मरीजों का पता लगाने स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में गांव में एक डॉक्टर के रूप में संक्रमित को घर में दवाएं उपलब्ध कराने एवं अस्पताल तक पहुंचाने का भी काम आशा कार्यकर्ताओं ने किया लेकिन प्रदेश सरकार हमें केवल ₹2000 वेतन के नाम पर रूटीन इंसेंटिव देकर आशा एवं सहयोगियों का मानवीय शोषण कर रही है इस समूचे दौर में सरकार ने मास्क सेनीटाइजर आदि सुरक्षा उपकरण तक नहीं दिया है संगठन द्वारा लगातार प्रश्नों एवं अनेक ज्ञापन दिए जाने के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त वेतन की मांग को नजरअंदाज किए जाने से आक्रोशित प्रदेश की आशा एवं सहयोगी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने तथा जीने लायक वेतन दिए जाने एवं अन्य मांगों का निराकरण होने तक हड़ताल जारी रखने के लिए मजबूर हुई हैंl

आंध्र प्रदेश सरकार का उदाहरण

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि देश के अनेक राज्य सरकारें विगत कई वर्षों से आशाओं को अपनी ओर से अतिरिक्त वेतन दे रही हैं आंध्र प्रदेश सरकार अपनी ओर से ₹8000 जोड़कर आशाओं को ₹10000 का वेतन दे रही है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार आशा एवं सहयोगी यों को अपनी ओर से कुछ भी नहीं दे रही है सरकार ने कोविड-19 अभियान में लगे संविदा कर्मियों को थोड़ा कुछ राहत तो दीया तब भी आशा एवं  सहयोगियों को नजरअंदाज कर दियाl

यह है मांगे

   

ज्ञापन में मांग की गई है कि आशा एवं आशा सहयोगी यों को कर्मचारी के रूप में  नियमित किया जावे तब तक आशाओं को ₹18000 एवं सहयोगियों को ₹24000 प्रति माह न्यूनतम वेतन दिया जावे तब तक आंध्र प्रदेश की तरह एवं प्रदेश की आंगनवाड़ी कर्मियों की तरह मध्य प्रदेश सरकार की ओर से ₹10000 अतिरिक्त राशि तुरंत दिया जावे कोविड-19 की ड्यूटी में कार्यरत सभी आशा एवं सहयोगियों को इसके लिए निर्धारित राशि तुरंत भुगतान किया जाए  l कोरोना योद्धाओं के लिए घोषित ₹5000000 की बीमा राशि जान गवाने वाले आशा कार्यकर्ताओं के परिवाçरों को तत्काल प्रदान की जाए तथा मृतक के परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए इसके अलावा ज्ञापन में अन्य मांगे भी शामिल हैं l

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