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ऑनलाइन परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी ने समा बांधा

 *संभाग की एकमात्र पुस्तक प्रकाशन संस्था "अर्णव प्रकाशन" के स्थापना दिवस पर आयोजित हुई ऑनलाइन परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी*



शहडोल.  I इस संभाग के एकमात्र पुस्तक प्रकाशन की संस्था "अर्णव प्रकाशन" के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन "अर्णव प्रकाशन" की संस्थापक डॉ.प्रियंका त्रिपाठी (वरिष्ठ साहित्यकार) के द्वारा किया गया । 


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश की वरिष्ठ साहित्यकार, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में हिंदी सलाहकार के रूप में कार्यरत एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रीता सिंह रहीं, कार्यक्रम की अध्यक्षता की इंदौर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध उपन्यासकार एवं कथाकार श्री राज बोहरे जी ने, कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव प्रसिद्ध ग़ज़लकारा लखनऊ उत्तर प्रदेश एवं श्री शशि मोहन सिंह (आई.पी.एस) एवं वरिष्ठ कवि दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ उपस्थित रहे ।


कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया, इसके पश्चात डॉ.प्रियंका के द्वारा उनके प्रकाशन से अब तक प्रकाशित पुस्तकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । सभी अतिथियों ने डॉ. प्रियंका त्रिपाठी के साहित्य के प्रति लगन और उनकी प्रतिबद्धता की मुक्त कंठ से प्रशंसा की । 

इसके पश्चात काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें उमरिया जिले के वरिष्ठ कवि/गीतकार श्री राजकुमार महोबिया, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट एवं कवि श्री सत्य प्रकाश पांडेय, हरदोई उत्तर प्रदेश के सुप्रसिद्ध छंद शास्त्री श्री नित्यानन्द वाजपेयी "उपमन्यु", बिलासपुर की वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती रश्मिलता मिश्रा एवं शहडोल की कवयित्री श्रीमती भावना द्विवेदी के द्वारा बहुत ही सुंदर काव्य पाठ किया गया । 


कार्यक्रम में अतिथि के रुप में उपस्थित श्री शशि मोहन सिंह जी, श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव जी, डॉ. रीता सिंह जी एवं डॉ.प्रियंका त्रिपाठी के द्वारा भी बहुत ही शानदार काव्य पाठ किया गया ।


कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. रीता सिंह जी के द्वारा एक अच्छे साहित्यकार की क्या भूमिका होनी चाहिए उस पर विस्तृत प्रकाश डाला गया । कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री राज बोहरे जी के द्वारा पुस्तक और पुस्तक प्रकाशन के महत्व के संबंध में सारगर्भित जानकारी दी गई एवं साहित्य के कई पहलुओं पर भी आवश्यक जानकारी दी गई । अंत में एक सफल प्रकाशन एवं संपादक के रूप में कार्य कर रहीं डॉ.प्रियंका त्रिपाठी को सभी ने शुभकामनाएँ दी।


कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन डॉ.प्रियंका त्रिपाठी के द्वारा किया गया ।

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