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थाना प्रभारी नहीं मान रहे कोर्ट का आदेश

 डीपीसी मदन त्रिपाठी  एवं उनके भाइयों  के विरुद्ध अपराध दर्ज करने न्यायालय ने दिया था आदेश

 शहडोल । जिला अंतर्गत शहडोल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने विगत 9 मार्च 20-21 को अपने एक आदेश में बुढार थाने को निर्देशित किया था कि वह मदन त्रिपाठी महेंद्र त्रिपाठी राकेश त्रिपाठी और राजेश त्रिपाठी पिता स्वर्गीय मोतीलाल त्रिपाठी के द्वारा छोटेलाल सरावगी एवं राजकुमार सरावगी विरुद्ध बार-बार झूठी शिकायत करने पर  भारतीय दंड विधान की धारा  182  एवं 111 के अंतर्गत अपराध दर्ज कर न्यायालय को       सूचित करें । 

     सूत्रों के अनुसार बुढार नगर निरीक्षक द्वारा आज दिनांक तक अपराध दर्ज नहीं किया गया बल्कि उनके द्वारा यह बतलाया गया कि भारतीय दंड विधान की धारा 182 और 111 में न्यायलय को स्वयं संज्ञान लेने का अधिकार है इसमें एफ आई आर नहीं दर्ज की जा सकती ।नगर निरीक्षक से जब यह जानकारी चाही गई कि क्या उन्होंने संबंधित आदेश कोर्ट को वापस कर दिया तब उन्होंने यह बतलाया की महामारी फैलने और कर्फ्यू लागू होने के कारण कोर्ट का कामकाज सीमित दायरे में है ज्यों ही स्थितियां सामान्य होती है वे कोर्ट को अवगत करा देंगे । वादी पक्ष का ऐसा कहना है कि न्यायालय के आदेश पर थाना अधिकारी अपनी राय नहीं दे सकते सिर्फ आदेश का परिपालन कर सकते हैं और ऐसा न करना माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना है , उन्हें आदेश को सर्वोपरि समझते हुए संबंधित पक्ष के खिलाफ अपराध दर्ज करना चाहिए । फिलहाल उच्च अधिकारियों से अपेक्षा है कि वह न्याय संगत निर्देश जारी करें ताकि वादी को न्याय मिलने का   मार्ग प्रशस्त     हो सके ।

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