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वृद्धा ने सजगता व साहस से दिया करो ना को मात

 




कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए प्रेरणा बनी श्रीमती सुख रनिया द्विवेदी



शहडोल 1 मई l-  जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या भी पहले की स्थिति में कम हुई है, जो सकारात्मक संदेश है। इसी कड़ी में शहडोल नगर के पांडवनगर निवासी वृद्धा श्रीमती सुख रनिया द्विवेदी जिनकी उम्र 90 वर्ष है तथा वह शुगर एवं बीपी समेत कई बीमारियों से ग्रसित थी। जिसके बाद भी वृद्धा श्रीमती सुख रनिया द्विवेदी को कोरोना संक्रमण ने अपने चपेट पर ले लिया और उनका रिपोर्ट पॉजिटिव आया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद श्रीमती सुख रनिया देवी को शहडोल जिले के मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड एडमिट कराया गया। मेडिकल कॉलेज में तकरीबन 10 दिन तक आईसीयू में चले इलाज और वृद्धा की आत्मिक ताकत, सजगता एवं साहस के कारण कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को हराकर अब वह पूर्णत: स्वस्थ है।


     वृद्धा श्रीमती सुख रनिया द्विवेदी का कहना है कि यदि व्यक्ति के अंदर आत्मिक ताकत, सजगता तथा साहस का भंडार रहता है। आवश्यकता इस बात की है कि हम इस सभी अतुलनीय भंडारण का सही समय में सदुपयोग करें। यदि मन में दृढ़ विश्वास हो तो सामान्य व्यक्ति भी कोविड-19 संक्रमण को हरा सकता है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई मेडिकल किट, रोग प्रतिरोधक काढ़ा तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली दवाओं का प्रयोग कर मैं पूर्णत: स्वस्थ हुई हूं। इसके लिए मैं जिला प्रशासन एवं मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकीय एवं नर्सिंग स्टाफ के अभूतपूर्व चिकित्सकीय सेवा भाव से बहुत ही प्रसन्न हूं तथा उनका मैं धन्यवाद ज्ञापित करती हूं, जिन्होंने 24 घंटे सेवा के साथ चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराया और मुझे स्वस्थ किया।


      वृद्धा श्रीमती सुख रनिया द्विवेदी लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शासन की दिशा-निर्देशों का पालन करें। मास्क, सैनिटाइजर तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करें। बिना जरूरी कार्य से घर से बाहर ना निकले एवं भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें। तभी हम कोरोना से महामारी को हरा सकते हैं। 


     वृद्धा श्रीमती सुख रनिया द्विवेदी के कोरोना को मात देने की कहानी सच्ची है, कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु हम सभी को वृद्धा श्रीमती सुख रनिया द्विवेदी की तरह अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।

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