*आवारा कलम से* दिनेश अग्रवाल वरिष्ठ पत्रकार
शहडोल l पृथ्वी लोक पर अजीबो-गरीब स्थितियां थीं । लोग शहर बना कर, शांति की तलाश में गांव ढूंढ रहे थे ।
और
कुछ लोग इतने अजीब कि- कुल्हाड़ी से पेड़ काटकर छांव ढूंढ रहे थे हवाई सर्वे पर निकले यमराज ने जब चित्रगुप्त से पूछा - कि भाई ! यह क्या नजारा है ? चित्रगुप्त बोले-- महाराज आप सीन देखिए मैं किसी और बात से परेशान हूं । आश्चर्यचकित होकर यमराज बोले- चित्रगुप्त तुम किस बात से परेशान हो ? इधर खिड़की से देखो बंगाल का नजारा--- झारखंड के जंगल देखो-- जगन्नाथ पुरी के दर्शन करो । वाह क्या आनंद आ रहा है ।
चित्रगुप्त बोले -- प्रभु ! आप तो कभी कभी आनंद लेते हो,
हम दूसरी समस्या से घिरे हैं । यमराज ने फिर कहा-- मुझे अपना ही समझो , बतलाओ क्या कष्ट है ?
चित्रगुप्त बोले-- प्रभु आर्यवर्त से जो आत्माएं अभी अभी आई हैं, वह काफी बवाल खड़ा कर रही है , उन सभी का कहना है कि हमें लिखित मृत्यु प्रमाण पत्र चाहिए ऐसा कभी नहीं हुआ मैं कितने सारे मृत्यु प्रमाण पत्र बनाते हुए बैठा रहूंगा यमराज ने कहा दे दो चित्रगुप्त सभी को दे दो क्या जाता है तुम्हारा ? कागज ही तो लगना है ,दे दो ।
चित्रगुप्त चिंता में लीन होकर बोले-- आपने कह दिया,, पर इतना सरल प्रमाण पत्र बनाना नहीं है सभी आत्माएं कह रही है कि प्रमाण पत्र में यह दर्ज होना जरूरी है कि उनकी मृत्यु कोरोना से हुई है । सवाल ये उठता है महाराज कि किसी इंसान का जवान लड़का संक्रमण से मर गया, यह खबर सुनकर उसके पिताश्री, दिल के दौरे से चले गए । इस हृदय विदारक नजारे को देख घर के अन्य सदस्य सदमे से खत्म हो गए , अब मैं सभी के कोरोना मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे बना दूं? क्योंकि आर्यावर्त की सरकार इस प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं करेगी। यमराज बोले अरे ! तो मत बनाओ ना ।
तुम मेरे अंडर में हो या आर्यावर्त सरकार के अंडर में हो ?
इसकी जरूरत क्या पड़ी कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आत्माएं अकुलाने लगी,
चित्रगुप्त ने बताया
प्रभु !
सरकार ने घोषणा की है कि जो व्यक्ति कोरोना से मर गया उसे ₹5 लाख का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी है , क्योंकि इस आपदा में कई घर टूट गए अपनों का साथ छोड़ गए । यमराज ने कहा कि जब सरकार को दिख रहा है कि वह मर गया, सरकार को दिख रहा है कि उसी के अस्पताल में भर्ती था सरकार को दिख रहा है कि उसी की दवाइयों का उपयोग हुआ तो प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है चित्रगुप्त ? उन्हें तुरंत अनुदान दे देना चाहिए । चित्रगुप्त ने दोनों हाथ माथे से लगाते हुए कहां आप नहीं जानते प्रभु वहां बच्चे के जन्म को तब स्वीकार किया जाता है जब जन्म प्रमाण पत्र होता है, शिक्षा को तब स्वीकार किया जाता है जब शिक्षा का प्रमाण पत्र होता है, नौकरी को तब स्वीकार किया जाता है जब नौकरी का प्रमाण पत्र होता है, जमीन जायदाद को तब वैधानिक माना जाता है जब उसका प्रमाण पत्र होता है, यहां तक कि लोगों को पेंशन तब दी जाती है जब वह अपने जीवन होने का प्रमाण पत्र देते हैं, कि मैं जिंदा हूं । तब उन्हें पेंशन मिलती है । गर्भवती स्त्री को प्रमाणित करना पड़ता है कि वह गर्भवती है ,विकलांग व्यक्ति को प्रमाणित करना पड़ता है कि वह विकलांग है , इसी तरह से मर गए व्यक्ति को प्रमाणित करने के लिए प्रमाण पत्र जरूरी है महाराज । आश्चर्यचकित मुद्रा में चित्रगुप्त की बातें सुनकर यमराज बोले चित्रगुप्त यह तो प्रमाण पत्रों का देश है । इतने सारे प्रमाण पत्र एक आदमी रखता कैसे होगा चित्रगुप्त ने कहा- प्रभु ! जिनके पास में प्रमाण पत्र नहीं होते वह जीवित ही मरे के समान होते है ऐसे लोगों के पास से आपके और हमारे पास लगातार आमंत्रण आते रहते हैं कि प्रभु मुझे बुला लो ! यह संसार मेरे लिए नहीं है । चिंता मग्न यमराज ने चिंन्तातुर चित्रगुप्त से कहा चलो चलते हैं ब्रह्मा जी से बात करते हैं कि वह जन्म के समय 25----- 30 प्रमाण पत्र बच्चे के साथ ही पैदा कर दिया करें ताकि वह जैसे-जैसे बड़ा होता जाए उसके काम प्रमाण पत्र आते रहेगें,
चित्रगुप्त ने कहा महाराज आप तो दुनियादारी जानते नहीं अब आधार कार्ड कंपलसरी हो गया है जिससे कई प्रमाण पत्रों में राहत मिली है फिर भी उनकी महत्ता घटी नहीं है ।
यमराज बोले---
चित्रगुप्त इतनी चिंताओं को मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता । तुम एक काम करो । आर्यावर्त के शासक से संपर्क करके समस्या का समाधान ढूंढो वरना मैं समझूंगा कि तुम स्वयं एक समस्या हो। छोडो इन बातों को हमें यह बताओ कि आजकल आवक कम क्यों हो गई आत्माएं कम आ रही है ऐसा क्यों चित्रगुप्त ने बतलाया कि महाराज कुछ राजनैतिक उलटफेर जरूरी है जो नहीं हो पा रही दूसरी तरफ अनुदान देने वालों की संख्या जिस हिसाब से बढ़ रही और हर जगह मौत का तांडव देखकर लोग अकुलाने लगे ।इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखकर आपका चचेरा भाई कोरोना 6 महीने के अवकाश पर जा रहा है । इस बीच वर्षा काल आ रहा है उम्मीद है संक्रामक रोगों से अच्छी आवक होगी,
इस तरह की संदर्भित चर्चा करते हुए यम और चित्र दोनों अपनी विचित्र नगरी की ओर प्रस्थित हो गए ।
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