सरकारी प्रेस नोट में स्वास्थ्य विभाग झूठे दावे कर रहा है l प्रेस नोट में कहा गया है कि होम आइसोलेशन करो ना मरीज से कोविड-19 के डॉक्टर 24 घंटे में दो बार संपर्क करते हैं और मरीज की मॉनिटरिंग की जाती है परंतु यह दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी क्या कभी मरीज से पूछते हैं कि उनके पास कोविड सेंटर से किसी का फोन आया या नहीं दरअसल पहले दिन होम आइसोलेशन के मरीज को घर पहुंचा कर दवा दे दी जाती है उसके बाद पीछे मुड़कर कोई नहीं देखता की मरीज जिंदा है या मर गया या फिर मरीज को किस तरह की तकलीफ हो रही है होम आइसोलेशन के मरीजों को स्वास्थ्य विभाग भगवान भरोसे छोड़ देता है यदि वह मरीज ठीक हो गया तो उसका भाग्य है अन्यथा अनेक तरह की परेशानी मरीज को झेलनी पड़ती है l सरकारी प्रेस नोट में क्या जानकारी दी गई है नीचे हम यथावत पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं
शहडोल l- जिले मैं गुरूवार को 508 सैंपल टेस्ट किए गए तथा 434 सेंपल निगेटिव तथा 64 सैंपल पॉजिटिव तथा 10 सैंपल रिपीट एवं रिजेक्ट किए गए। आज तक 85659 व्यक्तियों का अभी तक सैंपल लिया गया। गुरूवार तक 3583 पॉजिटिव केस मिले है। गुरूवार को 17 मरीज ठीक हुए तथा गुरूवार तक 3199 कोरोना वायरस के मरीज ठीक हो गए। गुरूवार तक आर.ए.टी. टेस्ट 42244 हुए है। गुरूवार तक 354 कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज एक्टिव है, जिसमें 72 मेडिकल काॅलेज के कोविड वार्ड में तथा कोविड केयर में एडमिट है तथा उनका उपचार किया जा रहा है एवं 282 एक्टिव मरीज होम आइसोलेशन रहकर चिकित्सकीय सलाह के आधार पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे है।
होम आइसोलेशन मरीजों के निगरानी के लिए कोविड-19 सेंटर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शहडोल के कार्यालय में बनाया गया है, जिसमें चिकित्सक 24 घंटे ड्यूटी में रहकर दिन में दो बार आपसे बात करेंगे एवं आपको आवश्यक मेडिकल सुविधाएं देंगे। होम आयसोलेशन के मरीज अपना सही संपर्क नंबर दे। आपके लिए मोबाइल चलित औषधालय एवं एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है, जो आपकी स्वास्थ सुविधाओ एवं आवश्यक सेवाये भी प्रदान करेगी।
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