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सुनो कलेक्टर साहब

 *आवारा कलम से* दिनेश अग्रवाल वरिष्ठ पत्रकार

      शहडोल


! काम तो आप अच्छा कर रहे हैं। मास्क लगवाने की जद्दोजहद में जिले का चप्पा--चप्पा आपने छान लिया ।

 हाट बाजार का भ्रमण किया ।अस्पतालों का निरीक्षण किया । बाजारों का भी दौरा किया और सब जगह एक ही मंत्र दोहराया जीना है----- मास्क लगा लो ।

       कोई भेदभाव नहीं, कोई जात पात नहीं, कोई ऊंच-नीच नहीं, कोई रंगभेद नहीं, सबको मास्क आपने पहनाया, जो भी सामने दिखा आपने मास्क पहनाया। मालूम है कि देश के ऊपर गहरा संकट है । लोगों के जीवन पर मौत मंडरा रही है । 

महाराष्ट्र से लगे सीमावर्ती जिलों में कर्फ्यू लागू है कटनी और उमरिया में रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू है छत्तीसगढ़ से लगे अनूपपुर जिले में स्थिति गंभीर है ऐसी स्थिति में शहडोल को बचा के रखना आपकी कर्मठता का एक उदाहरण है। कहा जाता है एक अकेला चना क्या भाड फोड़ेगा ?

 फिर भी इस भीषण गर्मी में  शासकीय आदेशों के समकक्ष  मानवता की ध्वज लिए  आप बिना विश्राम किये  निरंतर  इसी भावना से  गली-गली घूम रहे हैं कि लोग जीवित रहे । लोग स्वस्थ रहें।

 सब मस्त रहें ।

लेकिन रहेंगे कैसे ? 

 पता नहीं क्यों लोग अभी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि कफ़न से सस्ता आता है मास्क ।

 कफन की ख्वाहिश है मास्क की ख्वाहिश नहीं है। इन सभी को शिक्षित अनपढ़ ना कहा जाए तो क्या कहा जाए ?

आपने जितनी टीम गठित की है सभी मुस्तैदी से अपना काम कर रही है । वाहन भी बे-तहाशा दौड़ रहे है । मीडिया पूरा साथ दे  रहा है । मास्क पहने--- मास्क पहने  ।

इसके बावजूद भी ना जाने क्यों लोग सर पर कफन बांध के घूम रहे हैं लेकिन मास्क नहीं लगा रहे है ।

 देखेंगे सामने जांच का दस्ता खड़ा हुआ है तो ठुड्डी से हटाकर नाक पर लगा लेंगे । दस्ता पीछे छूटा मास्क ठुड्डी पर फिर खींचकर आगे बढ गये ।

अपने आप को धोखा देना लोगों को छोड़ना होगा और इस आदत को छुड़ाने के लिए कलेक्टर साहब अब आपको भी थोड़ी सख्ती बरतनी होगी प्रभु राम ने भी तीन दिन समुद्र की अनुनय विनय की थी ।चौथे दिन जब उन्होंने कमान पर तीर चढ़ाया, तब जाकर बात बनी थी ।आपको तो तीन महीने हो गए अनुनय विनय करते-करते  ।

सच में मेरा भी उद्देश्य लोगों को सताना या परेशान करना नहीं है बस यही चाहता हूं कि वह धरती मां में दफन ना होने पाए वह हंसते खेलते हमारी नजरों के सामने रहे और इसके लिए जरूरी है कि संक्रमण को रोके।

एक विज्ञान के अनुत्तीर्ण छात्र ने मुझे समझाया की  टाइट अंडर क्लॉथ के बाद टाइट जींस के नीचे से गैस पास हो जाती तो इस थुतले से मास्क से कोरोना पास नहीं होगा । इसकी क्या गारंटी है?

मै इतिहास का विद्यार्थी विज्ञान क्या जानू  मैंने तो कह दिया कुछ दिन रुक जाओ इसी प्रकार घूमते रहो आंकड़ों में शामिल हो जाओगे ।

सच में स्थितियां बहुत गंभीर है । लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं है समस्या का एक ही निदान है सतर्कता, स्वच्छता, और संपर्क दूरी ।

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