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सूदखोरों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक का सराहनीय कदम

 *आवारा कलम से* दिनेश अग्रवाल वरिष्ठ पत्रकार


शहडोल l पुलिस अधीक्षक गोस्वामी जी ने जब पदभार ग्रहण किया था और पहली प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की तब उनके सामने यह सवाल रखा गया था कि शहडोल बहुत शान्त जिला है ।

 भिंड मुरैना की तरह यहां बड़े अपराध नहीं होते, ऐसे हालातों में आपको शहडोल शायद रास नहीं आएगा ।उन्होंने कहा था कि *काम करने की इच्छा शक्ति रखने वाले को कहीं भी और किसी भी परिस्थितियों में काम की कमी नहीं है* और उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से जो भी काम हाथ में लिया उन्हें सफलता के अंतिम छोर तक पहुंचा कर दम लिया।

 सबसे पहले उन्होंने नशा बंदी के खिलाफ एंटी ड्रग माफिया का अभियान चलाया जिसे सभी ने सराहा । समाज में धीमा जहर फैलाकर युवाओं को मौत के घाट पहुंचाने वालों कि उन्होंने खबर ली । 

ऐसे ही दौर में उन्हें प्रशिक्षण पर जाना पड़ा 3 महीने का अंतराल बीतने के बाद उन्होंने जब कदम रखा तो फिर से अपनी पुरानी मुद्रा में काम करना शुरू कर दिया । 

इसी बीच रेत माफिया भू माफिया, कबाड़ माफिया और अपराधियों के खिलाफ सघन अभियान चलाया । यह अभियान चल ही रहा था कि पुलिस कप्तान गोस्वामी ने सूदखोरों के खिलाफ शंखनाद कर दिया और ताबड़तोड़ सूदखोरों की तलाशी ली . उनके चंगुल से कई लोगों को बचा लिया । सूदखोरों के घर से बड़े पैमाने पर वह दस्तावेज पुलिस को मिले इनमें ब्लैंक चेक की किताबें मिली , शपथ पत्र मिले जिनके  माध्यम से सूदखोर गरीबों का खून चूसते थे और उन्हें मौत के घाट उतार दिया करते थे ।

पत्रकारों ने जब यह पूछा की डरे, सहमे  कुचले ले निर्बल लोग आपके पास तक कैसे पहुंचे। ।

 तब वार्ता में मौजूद डीजीपी जनार्दन राव ने आम लोगों से अपील की कि वह खुलकर पुलिस के पास आए पुलिस उनकी मदद करेगी वह इस बात से मत डरें कि उनके ब्लैंक चेक रखे हुए हैं सूदखोर उस चेक का इस्तेमाल करके सताएगा ऐसा नहीं होगा ।

यह पहल अनेक परिवारों को नया जीवनदान देगी इस पहल से बड़े पैमाने पर अपराध रुकेंगे ।

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