शहडोलl ग्वालियर चंबल मैं रेत माफियाओं का तांडव यह प्रदर्शित करता है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश भर में चलाए जा रहे अभियान से माफियाओं एवं गुंडे बदमाशों की कमर अभी नहीं टूटी है lग्वालियर चंबल में अवैध रेत परिवहन को रोकने गई पुलिस पर माफिया द्वारा गोली चला कर हिंसक हमला कर देना और थाना प्रभारी टीआई को घेरकर उनके साथ मारपीट करना तथा ट्रैक्टर से कुचलकर टी आई को जान से मारने की कोशिश करना पुलिस प्रशासन के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है lटी आई किसी तरह नाले में कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे और अस्पताल में भर्ती है उनके शरीर में अनेक घाव हैं दूसरी तरफ अतिरिक्त पुलिस बल के घटनास्थल पर पहुंचने पर माफिया के गुर्गे खेतों के रास्ते से भाग खड़े हुए कुछ को पुलिस ने पकड़ लिया कुछ ट्रैक्टर भी जप्त हुए दो कट्टा भी पुलिस ने जप्त किया है वहीं पुलिस अधीक्षक ने रेत माफिया के खिलाफ आगे भी कार्यवाही जारी रहने की बात कही है परंतु इस घटना से यह बात स्पष्ट नजर आ रही है की रेत माफिया कितना ताकतवर है हालांकि पुलिस से बड़ी ताकत माफिया नहीं हो सकता प्रशासन व शासन के डंडे के सामने कोई भी माफिया टिक नहीं सकता फिर भी ऐसी हिंसक घटनाएं क्या संदेश देती है इस पर गौर करना चाहिए या नहीं एक बड़ा सवाल है l
शहडोल संभाग में भी रेत माफिया कर चुके हैं वारदात
ग्वालियर चंबल मैं ही सिर्फ रेत माफिया घटनाएं नहीं करता बल्कि रेत माफियाओं की छोटी मोटी घटनाएं शहडोल संभाग में भी हो चुकी है शहडोल जिला हो या अनूपपुर जिला या फिर उमरिया जिले की बात रेत माफिया की दबंगई और प्रशासनिक कर्मचारियों व अधिकारियों अथवा पुलिसकर्मियों को डराने के लिए यहां भी रेत माफिया वारदातें कर चुका हैl दरअसल जरूरत इस बात की है की प्रशासनिक अधिकारियों को अथवा पुलिस अधिकारियों को पूरी ताकत के साथ पर्याप्त बल लेकर रेत माफियाओं के विरुद्ध पूरी तैयारी के साथ कार्यवाही करनी चाहिए और यदि ऐसा किया गया तो फिर रेत माफिया हमलावर बनने से पहले सोचेगा और यदि हमला किया तो उसे सफलता नहीं मिलेगीl जिस तरह से वर्तमान में अतिक्रमण हटाते समय पूरा जिला प्रशासन एवं पूरा पुलिस प्रशासन तथा राजस्व नगर पालिका विद्युत विभाग एवं अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी एक साथ अतिक्रमण हटाने जाते हैं साथ ही पुलिस के वज्र वाहन जेसीबी मशीन तैनात रहते हैं उसी तरह से रेत माफिया के विरुद्ध भी कार्यवाही आवश्यक है l
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