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आवारा कलम से

 मध्य प्रदेश सरकार में अजीबोगरीब निर्णय लिए जा रहे हैं।

शहडोल lभारी वर्षा और ओलावृष्टि के कारण मध्य प्रदेश के कई जिलों में फसलें तबाह हो चुकी है , सरकार ने निर्णय लिया है कि इन सभी क्षतिग्रस्त फसलों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी फिर फसल नुकसानी का आकलन होगा फिर किसानों को क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी । 

सरकार यह क्षतिपूर्ति राशि है का निर्धारण तो बाद में करेगी लेकिन पता चला है कि सरकार का खजाना खाली है दो लाख करोड़ से ज्यादा का सरकार पर कर्जा है और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकार बेकार पड़ी सरकारी संपत्तियों को नीलामी के माध्यम से बेचना शुरू कर रही है।

 इसकी शुरुआत 12 जनवरी को मुरैना जिले के पोरसा सरकारी बस स्टैंड को ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से 16 करोड़ में बेचा जा चुका है । इसी तरह से 39 संपत्तियों को चिन्हित किया गया है जो विभिन्न जिलों में हैं कुछ संपत्तियां प्रदेश के बाहर है, सरकार यह तर्क दे रही है कि उसकी माली हालत खराब नहीं है वह तो इन संपत्तियों को बेचकर जनहित के काम करना चाहती है ।। आश्चर्य तो इस बात का है कि केंद्र सरकार अलग नीलामी कर रही है अब प्रदेश सरकार भी अपने स्तर पर नीलामी पर उतर आई है।

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