मेरी बिटिया रानी अब बड़ी हो गयी,
टीन ऐज की दहलीज पर खड़ी हो गयी।।।
अब पढ़ते पढ़ते अपने सपनो को बुनती हैं,
मम्मी पापा की बाते अब कहा सुनती हैं।।।
छोटी सी गुड्डी से अब गुड़िया हो गयी,
बातो में दादी माँ सी पुड़िया हो गयी।।।
घर के हर डिसिशन में उबलती कड़ी हो गयी,
मम्मी पापा की खटपट में अब अड़ी हो गयी।।।
अब मम्मी से भी कहा वो खुल के मिलती है,
पापा की परी अब कुछ बातों को होठों में सिलती हैं।।।
अब कहा मम्मी से चिपककर उसको सोना भाता हैं,
अब कहा छोटी छोटी बातों पर उसको रोना आता हैं।।।
मेरी अल्हड़ सी,नादान सी बिटिया अब समझदार हो गयी,
देखते ही देखते घर की अब सरदार हो गयी।।।
आईने को अक्सर अब निहारने लगी हैं,
लटो को बालों से अब निकालने लगी हैं।।।।
पापा को क्या खाना हैं, मम्मी को क्या बनाना है,सब उसकी अर्जी से
अब तो साड़ी भी कौन सी पहने,पास होती हैं उनकी मर्ज़ी से।।।
उसकी हर बात अब घर के रूल हो गए,
उसके कारण दादाजी भी अब कूल हो गए।।।
दादी की पोती अब खुद ही दादी माँ हो गयी,
चार दिनों में ही वो सारे घर की जान हो गयी।।।
पापा की आंखों का तारा,अब पापा की नज़रों को पढ़ती हैं,
बचपने वाली ज़िद अब वो कहा करती हैं।।।
दोस्तों के संग भी अब उसकी बस्ती हो गयी,
मोबाइल,टी वी,कैमरे में अब मस्ती हो रही।।।
मेरी नटखट,प्यारी सी लाड़ो अब परी हो गयी,
देखते ही देखते वो कितनी बड़ी हो गयी,कितनी बड़ी हो गयी।।।
सर्वाधिकार सुरक्षित.....शालिनी सरावगी
मेरे हृदय का टुकड़ा मेरी बिटिया के हर पल को जिया हैं मैने तेरे साथ... और अब तुम धीरे धीरे उस उम्र में कदम रख रही हो जहाँ ये बदलाव आना स्वाभाविक हैं और माँ होने के नाते उन बदलावों को महसूस एक माँ ही कर सकती हैं... बहुत स्पर्शी लगता हैं उनको महसूस करना ...हर माँ की पाती यही कहती होगी जो मेरे शब्द हैं, बस कलम मेरी है पर भावना हर उस माँ की होगी जिनकी बिटिया अब बड़ी हो रही हैं और वो उस बदलाव को महसूस भी कर रही होगी।।।
0 Comments